वर्षों की दबी हुई इच्छा के बाद, मैं अंततः अपनी सौतेली बहन के साथ निषिद्ध आनंद में डूब गया। उसके युवा आकर्षण और मासूमियत ने उसे अप्रतिरोध्य बना दिया। हमारी भावुक मुठभेड़ ने मुझे और अधिक तरसने पर मजबूर कर दिया, क्योंकि मैंने हमारी अवैध मुलाकात के हर पल का स्वाद चखा।