एक उपेक्षित और अनदेखी कामुक नौकरानी अपने मालिक की अप्रत्याशित वापसी तक अपनी दैनिक दिनचर्या में सांत्वना पाती है। वासना से अभिभूत होकर, वह उसके साथ यौन संबंध बनाता है, जिससे एक ज्वलंत जुनून पैदा होता है जो लंबे समय से निष्क्रिय था। उनकी मुठभेड़, कच्ची और बिना फ़िल्टर की गई, उनकी छिपी इच्छाओं का एक वसीयतनामा बन जाती है।