आनंद की गहराई में गोते लगाते हुए मैंने कुशलतापूर्वक अपनी गीली, उत्सुक जीभ से उसके चेहरे का पता लगाया। जैसे-जैसे मैंने उसमें एक शक्तिशाली चरमोत्कर्ष को प्रज्वलित किया, उसकी कराहें और तेज़ होती गईं। इस कच्ची, तीव्र मुठभेड़ ने हम दोनों को पूरी तरह से तृप्त कर दिया।