एक माँ और उसका बेटा एक भावुक संबंध में संलग्न हैं, जिससे एक उग्र प्रेम त्रिकोण प्रज्वलित होता है। जैसे-जैसे वह अधिक तरसती है, उसके पति की ईर्ष्या बढ़ती जाती है। उनकी अनकही इच्छा उन्हें खा जाती है, जिससे उनके प्रेम घोंसले में एक जोखिम भरा मिलन होता है। क्या उनका निषिद्ध प्रेम जीवित रहेगा?