उसको धोखा देते पकड़ कर मैंने अपनी बीवी का सामना किया.उसने पश्चाताप करने के बजाय मुझे अपने उभारों से चिढ़ाया, जिससे एक ऐसा जुनून भड़क उठा जो गायब हो चुका था.जैसे ही रात सामने आई, हम अपनी निषिद्ध इच्छाओं में लिप्त हो गए, एक बार खोई हुई अंतरंगता को फिर से खोजते हुए।