चास्टिटी लिन, एक कामुक लोमड़ी, अपने अभयारण्य में अकेली है, आत्म-भोग की मास्टर है। वह आत्म-आनंद में लिप्त है, उसकी उंगलियाँ उसके रेशमी सिलवटों पर नाच रही हैं, उसकी कराहें खाली घर में गूंज रही हैं। यह उसका निजी, अंतरंग नृत्य है, जो अपने लिए अनायास ही है।