एक भीषण दिन के बाद, मेरे आदमी को सेक्स की तलब लग गई। मैं अपने अधोवस्त्र को बहाते हुए बाध्य हो गई। उसने अपनी उंगलियां मेरी गीली सिलवटों में गहराई तक घुसा दीं, जिससे एक उग्र जुनून भड़क उठा। हमारी मौलिक वासना बढ़ गई, जो एक कठोर, संतोषजनक चुदाई में परिणत हुई।